BSP अध्यक्ष मायावती ने ‘संविधान दिवस’ पर मौजूदा सरकारों को दी 8 सलाह

देश के कमज़ोर एवं उपेक्षित वर्गों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण व अन्य और जो भी ज़रूरी सुविधाओं का प्राविधान किया है, उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को अभी तक भी नहीं मिल पा रहा है

मीडिया स्वराज डेस्क

लखनऊ: शुक्रवार को ‘संविधान दिवस’ के मौके पर बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कई मुद्दों पर अपनी बातें रखी। पेश हैं उनके मुख्य अंश…

(1) भारतीय संविधान को बने वर्षों बीत चुके हैं, लेकिन इसके मूल निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में देश के कमज़ोर एवं उपेक्षित वर्गों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण व अन्य और जो भी ज़रूरी सुविधाओं का प्राविधान किया है, उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को अभी तक भी नहीं मिल पा रहा है जिससे इन वर्गाें के लोग व बी.एस.पी. भी बहुत ज़्यादा दुःखी व चिन्तित है। केन्द्र व सभी राज्य सरकारें इस ओर ज़़रूर ध्यान दें, बी.एस.पी. की यह सलाह

(2) इन वर्गों के लोगों को, ख़ासकर सपा जैसी उन पार्टियों से भी ज़रूर सावधान रहना चाहिये, जिसने एस.सी. व एस.टी. का आरक्षण सम्बन्धी बिल संसद में फाड़ दिया था और बिल को फिर षड्यन्त्र के तहत पास भी नहीं होने दिया गया, अर्थात् इन जैसी पार्टियाँ कभी भी इन वर्गों का विकास व उत्थान आदि नहीं कर सकती हैं।

(3) इन उपेक्षित वर्गाें के लिए प्राइवेट सेक्टर में अभी तक भी आरक्षण देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, क्यों?

(4) क्या ऐसे ही केन्द्र व राज्यों की सरकारोें द्वारा संविधान का पालन किया जा रहा है? ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का कतई भी नैतिक अधिकार नहीं है, बल्कि ऐसी सरकारों को आज इस मौके पर इन वर्गाें के लोगों से माफी माँगनी चाहिये और अपनी इस कमी को जल्दी ही दूर भी करना चाहिये।

(5) देश में किसानों के आन्दोलन का भी एक वर्ष पूरा हो गया है। केन्द्र सरकार ने इनके 3 कृषि कानूनों को वापिस ले लिया है, जो काफी देर से लिया गया यह उचित कदम है। लेकिन किसानों की अन्य और भी कई जरूरी माँगें हैं, उन्हें भी केन्द्र सरकार को ज़रूर स्वीकार कर लेना चाहिये, बी.एस.पी. की यह माँग है।

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(6) देश में आए दिन ग़रीबी व मंहगाई काफी ज़्यादा बढ़ रही है, जिससे ख़ासकर ग़रीब एवं मध्यम वर्ग के लोग बहुत ज्यादा दुःखी व परेशान हैं। लेकिन केन्द्र व राज्य सरकारें इसके प्रति कतई भी गम्भीर नहीं हैं, यह भी अति-चिन्ता की बात है।

(7) ‘संविधान दिवस’ के मौके पर केन्द्र व सभी राज्य सरकारें इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या ये सरकारें भारतीय संविधान का पूरी ईमानदारी व निष्ठा से सही पालन कर रहीं हैं अर्थात् स्पष्ट है कि नहीं कर रही हैं। इसीलिए हमारी पार्टी ने आज केन्द्र व राज्यों की सभी पार्टियों की सरकारों के इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है।

(8) इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता व वरिष्ठ विधायक उमाशंकर सिंह को आज बी.एस.पी. विधानमण्डल दल का नेता बना दिया गया है। इनको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

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