चित्रकूट में गूंजा ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा, प्रियंका बोलीं, एकजुट हो राजनीति में आएं महिलाएं
प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी सरकार आने पर 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां दी जायेंगी, जिसमें से 40 प्रतिशत महिलाओं को मिलेंगी. इस बार कांग्रेस 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देगी।
प्रियंका ने कहा कि आज की राजनीति में बहुत नफरत फैला दी गई है। अगर कांग्रेस पार्टी इस बात सत्ता मे आई तो किसानों का पूरा कर्जा माफ कर दिया जाएगा। लखीमपुर कांड में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों को मारा है। सरकार भी मंत्री को बचाने का काम कर रही है। राजनीति में इस तरह बढती हिंसा को खत्म करने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाएं ही राजनीति में सुधार ला सकती हैं।
मीडिया स्वराज डेस्क
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जनता का दिल जीतने के लिये बुधवार को धर्मनगरी चित्रकूट पहुंचीं। प्रियंका ने माता अनुसुइया, माता सीता, मंदाकिनी मैय्या को नमन किया और स्वामी मत्स्यगजेंद्रनाथ मंदिर में पूजन कर सभी का अभिवादन किया। मंदिर में पूजन के बाद प्रियंका मंदाकिनी किनारे बने मंच पर पहुंचीं।
अपने संबोधन में प्रियंका ने कहा कि प्रदेश की स्थिति बहुत खराब है। खाद की लाइन में खड़े-खड़े कई लोगों ने जान गंवाई। कोरोना काल में भाजपा सरकार फ्लॉप रही। प्रधानमंत्री जी उस समय गायब थे जब लॉकडाउन में लाखों मजदूर पैदल बुंदेलखंड आए थे। उनके लिए बसों का इंतजाम नहीं किया था। अब बुंदेलखंड आ रहे हैं वोट मांगने।
प्रियंका ने आगे कहा कि बुंदेलखंड से यह संदेश है कि बदलाव लाइये क्योंकि जिस तरह से राजनीति हो रही है, जिस तरह किसानों को कुचला जा रहा है, दलितों को महिलाओं को, यह सब गलत हो रहा है. मेरा महिलाओं के लिये यही संदेश है कि राजनीति में भागीदारी बनें, अपनी शक्ति को पहचानें, समाज में मौजूद अत्याचार के खिलाफ महिलायें खड़ी हों.
कांग्रेस महासचिव ने पीएम मोदी पर तंज कसा और कह दिया कि उनकी रैली के लिये बसों का इंतजाम हुआ है, लेकिन कोरोना के समय मजदूरों के लिए नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि 19 तारीख को मोदी जी यहां भाषण देने आ रहे हैं, उनके लिये बसें तैयार हैं पर कोरोना में मजदूरों को लाने के लिए बसें नहीं थीं.
कोरोना का हाल में जो बकाया था, खासतौर से जो छोटे छोटे व्यापारी हैं, छोटे दुकानदार हैं, जिन्हें कोरोना काल में भी बिजली के बिल भरने पड़े, उनके लिए हम बिजली कनेक्शन और बिजली बिल माफ करेंगे. कई बड़े ऐलान करते हुए भी वे कह गईं कि आपके बड़े बड़े बिजली के बिल आते हैं, बिजली नहीं आ रही है, लेकिन बिल जरूर आ रहे हैं. तो जो बिजली के बिल हैं, उनके सब बिलों को हम हाफ करेंगे.
प्रियंका ने आगे कहा कि आज की राजनीति में बहुत नफरत फैला दी गई है। अगर कांग्रेस पार्टी इस बात सत्ता मे आई तो किसानों का पूरा कर्जा माफ कर दिया जाएगा। लखीमपुर कांड में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों को मारा है। सरकार भी मंत्री को बचाने का काम कर रही है। राजनीति में इस तरह बढती हिंसा को खत्म करने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाएं ही राजनीति में सुधार ला सकती हैं।
चित्रकूट में लड़की हूं लड़ सकती हूं, संवाद में प्रियंका गांधी ने महिलाओं से एकजुट होकर राजनीति में आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को एकजुट होकर राजनीति में अपना हक मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में बढ़ी महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं को ही झेलना पड़ रहा है।
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस पार्टी का प्रतिज्ञा पत्र महिलाओं को पढ़कर सुनाया और कहा कि उनकी सरकार आने पर 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां दी जायेंगी, जिसमें से 40 प्रतिशत महिलाओं को मिलेंगी. इस बार कांग्रेस 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देगी। इसलिए महिलाओं को एकजुट होकर बहनों को वोट करना होगा।
कहना गलत न होगा कि यूपी के चुनाव में प्रियंका गांधी ने इस बार महिलाओं को लेकर सबसे बड़ा दांव चला है. चालीस प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने से लेकर, लड़की हूं लड़ सकती हूं, जैसे नारे देने तक, उन्होंने अपनी रणनीति को पूरी तरह महिलाओं के केंद्र में रखा है.
स्मृति ईरानी के तंज पर प्रियंका का पलटवार
हालांकि, वहीं पिछले दिनों प्रियंका की इसी रणनीति पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तंज कसा था. राहुल गांधी पर वे बोल गई थीं कि घर पर लड़का है, लेकिन लड़ नहीं सकता है.
यूपी दौरे के दौरान अब प्रियंका गांधी ने अपने नारे को महिला सम्मान से जोड़ते हुए स्मृति ईरानी को आईना दिखाने का काम किया है. प्रियंका कहती हैं कि उन्हें भी महिलाओं का सम्मान करना चाहिए. उन्हें भी कहना चाहिए कि महिलाएं आगे आएं, वे अपने हक के लिए लड़ें और इस समाज में आगे बढें.
प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी के इस बयान पर तंज कसते हुये कहा कि महिला होकर उनका इस तरह के बयान देना तो गलत है. उन्हें महिलाओं का प्रोत्साहन करना चाहिए. साथ ही कहना चाहिए कि लड़कियों को अपने लिये लड़ना चाहिए.
महिलाओं में जोश भरते हुए प्रियंका ने कवि पुष्यमित्र उपाध्याय की कुछ पंक्तियां अपने संबोधन के दौरान कहीं। चित्रकूट में मंच से उन्होंने कहा- बहुत हुआ इंतजार अब, सुनो द्रौपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे। औरों से कब तक आस लगाओगी। कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से।
महिलाओं ने सुनाई संघर्ष की कहानी
प्रियंका ने चित्रकूट पहुंची महिलाओं के साथ संवाद किया। प्रियंका के सामने स्वयं सहायता समूह चलाने वाली बिठारी गांव की गिरजा देवी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ती मिथिलेश देवी ने अपने संघर्ष की कहानी बताई। यह भी कहा कि भाजपा शासनकाल में उनके कामों की कोई वैल्यू नहीं हो रही है। उनका मानदेय भी नहीं बढ़ाया जा रहा है। बताया कि कोरोना काल में भी स्वास्थ्य विभाग और सरकार ने उनसे हर दिन समाज के बीच में जाकर काम करने को कहा गया। काम के दौरान जरूरी सामग्री खुद लेकर जानी पड़ी और कोई खर्च भी नहीं मिला।
प्रियंका गांधी की कविता पाठ से दुखी हुए कवि
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी द्वारा चित्रकूट की रैली में ‘उठो द्रोपदी शस्त्र संभालो’ पंक्तियों के उपयोग पर इस कविता के कवि ने आपत्ति जताई है। कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने कहा है कि उनकी यह कविता एक गंभीर सामाजिक विषय को उठाने को लेकर रची गई थी। इसका राजनीतिक उपयोग इसकी भावनाओं को सीमित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यदि प्रियंका गांधी ने उनकी पंक्तियों का राजनीतिक उद्देश्य के लिए उपयोग न किया होता तो बेहतर होता।
इसे भी पढ़ें:
पुष्यमित्र उपाध्याय ने अमर उजाला से कहा कि उन्होंने 2012 में ‘निर्भया प्रकरण’ से आहत होकर इन पंक्तियों की रचना की थी। इसके माध्यम से वे समाज के सभी वर्गों की महिलाओं का दर्द उभारना चाहते थे। यही कारण रहा कि समाज के हर वर्ग से उनकी इन पंक्तियों का जबरदस्त स्वागत किया गया। उनकी इन पंक्तियों के लिए उन्हें कई जगह सम्मानित भी किया गया। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने इसे प्रकाशित कर उन्हें सम्मानित किया था। लेकिन अब इसका बार-बार राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है और यह महिलाओं के कष्ट पर लिखी इस कविता का दुरुपयोग है।
इसे भी पढ़ें:
इसके पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपने मंच से इन पंक्तियों का उपयोग किया था। उस समय भी पुष्यमित्र उपाध्याय ने इसके राजनीतिक उपयोग को लेकर विरोध प्रकट किया था।