बेटा बेगूसराय- बिहार में मर गया, बाप दिल्ली में लॉक डाउन में रो रहा है
राम दत्त त्रिपाठी, राजनीतिक, विश्लेषक, लखनऊ
दुधमुँहा बच्चा बीमारी से बेगूसराय बिहार Bihar में मर गया. भूख प्यास से तड़पता व्याकुल बाप दिल्ली Delhi में रो रहा है. इस तस्वीर को ध्यान से देखिए. अफ़सोस है कि इस फ़ोटो में आवाज़ नहीं है क्योंकि यह वीडियो नहीं है. इसलिए आपको इनकी आवाज़ सुनायी नहीं देगी.लेकिन इनके रोने की आवाज़ अब भी दिल्ली में प्रेस ट्रस्ट ओफ़ इंडिया के फ़ोटो पत्रकार अतुल यादव की कानों में गूंज रही है.
ये हैं बिहार के बेगूसराय निवासी राम पुकार पंडित जो दिल्ली में construction worker यानि कामगार हैं. सरकार और पत्रकारों की भाषा में प्रवासी भारतीय Migrant Indian Labour.
ग्यारह मई को इनकी पत्नी ने फ़ोन पर बताया कि ग्यारह महीने का बेटा गम्भीर रूप से बीमार है. कोई ट्रेन बस चल नहीं रही सो 1200 किलोमीटर की यात्रा पर पैदल चल पड़े.
लेकिन भूखे प्यासे राम पुकार का शरीर जवाब दे गया. वह थक कर निज़ामुद्दीन पुल के पास बैठ गए.वह वहीं उन्होंने अतुल से बिस्कुट पानी कुछ भी लेने से मना कर दिया. जल्दी से बीमार बेटे के पास पहुँचने की प्रबल इच्छा ने उनकी भूख प्यास मार दी.
अचानक पत्नी का फ़ोन आया कि बेटे की मृत्यु हो गयी है. वह फफक कर रोने लगा.
यह अकेले राम पुकार की पीड़ा नहीं है.इस कोरोना लॉक डाउन में हज़ारों , माताएँ, पिता और बहनें संकट में अपनों के बीच पहुँचने के लिए तड़प रहे हैं, या रास्ते में दम तोड़ दे रहे हैं, कुचल जा रहे हैं.
गीता में कहा है जो होता है अच्छा होता है. चलों एक सौ तीस करोड़ भारतवासियों का यह भ्रम तो टूट गया कि वे देश के असली मालिक हैं.
अब वह जमाना गया जब सत्ता में बैठे लोग गरीब की हाय से डरते थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Bihar Chief Minister Nitish Kumar का आदेश है कि संयम रखो, सरकार को अपना काम क़ानून क़ायदे से करने दो. बार – बार डिस्टर्ब कर याद मत दिलाओ कि आपदा में घर आना बहुत ज़रूरी है.
परदेस में होते तो जहाज़ से बुलवा लेते.
तुम्हें क्या जल्दी है?
कृपया इसे भी पढ़िए : https://mediaswaraj.com/who-are_you_migrant_labour/
हृदय विदारक घटना