कर्नाटक आइ एस अफ़सर के तबादले पर बवाल

कर्नाटक सरकार गत सोमवार शाम को जारी एक आदेश के कारण विवादों में फ़ंसती नज़र आ रही है। उक्त आदेश के अनुसार वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी, कैप्टन  मनिवन्नन, जो कि सूचना विभाग के प्रमुख थे और राज्य में कोरोना संक्रमण से सम्बंधित प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के निवारण में मुख्य भूमिका निभा रहे थे, का अचानक तबादला कर दिया गया और उनके स्थान पर  एक अन्य अधिकारी ‘महेश्वर राव’ की नियुक्ति कर दी गयी।

मनिवन्नन राज्य में सूचना विभाग के साथ साथ श्रम विभाग के मुख्य सचिव की भूमिका भी निभा रहे थे। 2 महीने पहले जब कर्नाटक में कोरोना का पहला केस सामने आया ही था, उन्होंने राज्य में एक अभिनव पहल शुरू की। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे टेलीग्राम आदि का उपयोग करते हुए उन्होंने स्वयं सेवकों के ‘कोरोना वारियर्स’ ग्रुप बनाये।

शुरुआत में इन ग्रुप्स की भूमिका कोरोना वायरस से संबंधित फेक न्यूज़ से लड़ने की रही, जिससे कि अनावश्यक और भ्रामक खबरों से जन सामान्य का बचाव किया जा सके। बदलते परिवेश के साथ इन स्वयं सेवा समूहों ने अपनी भूमिका और ज्यादा व्यापक कर ली और सरकार द्वारा प्रायोजित लॉक डाउन का प्रभावी ढंग से अनुपालन कराने में सहयोग प्रदान करने लगे। साथ ही प्रवासी मजदूरों और वंचितों तक खाद्य सामग्री व जरूरी सामानों के वितरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगे।

दूसरी ओर, हाल ही में कर्नाटक में उद्यमियों की एक लॉबी खड़ी हो गयी है, जिसकी सरकार से अपेक्षा है कि यूपी मॉडल की तरह वहां भी श्रम कानूनों में ढील दी जाए ताकि व्यवसायों, विशेष रूप से उत्पादन और निर्माण इंडस्ट्री को पटरी पर लाया जा सके। मनिवन्नन पर आरोप है कि वह लगातार इसका विरोध और श्रमिकों के अधिकारों की वकालत करते हैं।

बंगलुरू स्थित ऐसे ही एक लॉबी समूह, ‘एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन’ ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को आग्रह करते हुए एक पत्र लिखा था। पत्र उन्होंने कहा है कि प्रदेश के श्रम विभाग के ‘नेतृत्व में परिवर्तन’ आवश्यक हो गया है, क्योंकि श्रम सचिव मजदूरों को मालिकों के विरुद्ध भड़का रहे हैं। वह मजदूरों को प्रेरित कर रहे है कि वह मालिकों की शिकायत करें, जबकि मालिक इस हालत में नही है कि मजदूरों को तनख्वाह दे सकें। अपने पत्र में एसोसिएशन लिखती है कि इसी से प्रेरित होकर लगभग 700 मजदूरों ने अब तक श्रम विभाग के पोर्टल पर मालिकों के खिलाफ विभिन्न शिकायतें दर्ज कराई हैं।

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