बैल गाड़ी से बारात, डोली पर दूल्हा
बुजुर्ग पुराने ख्यालो में खो गए
आज के आधुनिक समय मे जहाँ बड़े लोग हवाई जहाज, अन्तरिक्ष, समुद्र की तलहटी में विवाह रचा के चर्चा में आ रहे हैं, वही उत्तरप्रदेश के देवरिया जनपद में ग्राम कुशहरी से पकड़ी बाजार के पास बड़िहा दल गाँव मे 1 दर्जन बेल गाड़ी से बारात निकली वहीँ दूल्हे का परिछावन पारम्परिक साधन डोली में हुआ।
देवरिया जनपद के ग्राम कुशहरी से संगमबुजुर्ग पुराने ख्यालो में खो गए पाल पुत्र छोटे लाल पाल की बारात लगभग 25 किलोमीटर दूर पकड़ी बाजार के निकट बड़िहा दल के रामानन्द पाल की पुत्री सरिता से ब्याह रचाने दूल्हा डोली में व बाराती लगभग 1 दर्जन बैलगाड़ी डनलप से निकले.
इस बारात को देखने कुशहरी से बड़िहा दल तक सड़क के दोनों ओर दर्शकों की भीड़ देखी गयी, युवा बुजुर्ग महिलाएं बच्चे कौतूहल से इस बरात को देख रहे थे।
बुजुर्ग पुराने ख्यालो में खो गए, एक 75 वर्षीय बुजुर्ग हिदायतुल्लाह ने इस प्रतिनिधि को बताया कि मैं लगभग 50 वर्ष पूर्व लकड़ी वाले पहिये पर लोहे का हाल चढ़ा होता था,जिसे लढिया कहा जाता था या टायर वाली गाड़ी जिसे डनलप कहा जाता था, पर बारात निकलते देखी थी, और फिर आज देखी।
दूल्हे ने बताया कि मेरी शादी जब तय हुई तभी मैंने सोचा था, कि अपनी शादी कुछ अलग तरह से करेंगे.
मृत्युंजय विशारद , देवरिया