फिरौती के लिए मासूम का अपहरण कर हत्या
एनकाउंटर में एक अपहरणकर्ता अजय को लगी गोली
कासगंज ( उत्तर प्रदेश) में 10 साल के मासूम बच्चे लोकेश का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर दी गयी. सनसनीखेज मामले में आज में पुलिस ने तीन कथित अपहरणकर्ताओं को मुठभेड़ में गिरफ़्तार कर लिया है . इनमें से एक अजय के पैर में गोली लगी है। बाकी दो अन्य कथित अपहरण कर्ता राज बहादुर और अमर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गयाहै ।
यहां 18 जनवरी को दिनदहाड़े एक 10 वर्षीय मासूम का उस समयअपहरण कर लिया गया था जब वो घर से कंचे खेलने निकला था। इतना ही नहीं मासूम के अपहरण करने के बाद अपहरणकर्ताओं ने कल कई बार परिजनों से फोन पर 40 लाख की फिरौती भी मांगी और फिरौती न देने पर मासूम की हत्या कर के शव गाँव के ही पास खेत मे फेंक दिया.
मासूम के दिन दहाड़े अपहरण और हत्या से मासूम के परिवार में कोहराम मचा हुआ है, वहीं पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। अपहरण के बाद हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस पुलिस अधीक्षक कासगंज मनोज कुमार सोनकर, अपर पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार वर्मा के अतिरिक्त अन्य आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और मासूम के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवाया।
यह पूरा मामला जनपद कासगंज के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव पिथनपुर का है ।यहां 10 वर्षीय लोकेश 18 जनवरी को सुबह अपने घर से कंचे खेलने के लिए एक मंदिर की तरफ गया था जहां से उसका अपहरण कर लिया गया। उसके बाद परिजनों ने उसको बहुत ढूंढने का प्रयास किया लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चल सका । जब पीड़ित इसकी शिकायत थाने लेकर कल पहुंचे तो पुलिस ने मामले की जांच करने का वायदा करके यह कहकर टरका दिया कि मामले की जांच करेंगे और उसके बाद उसकी जानकारी करेंगे । मात्र गुमशुदगी दर्ज कर ली गयी.
लेकिन कल उस समय पुलिस प्रशासन और परिजनों में हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति द्वारा मासूम बच्चे को 40 लाख रूपये की फिरौती लेकर छोड़ने का परिजनों के पास फोन आया। अपहरण कर्ताओं ने फोन पर कहा था कि यदि 40 लाख रुपए के लेकर नहीं आए तो मासूम की हत्या कर फेंक दिया जाएगा और आखिर अंततः हुआ भी वही। अपहरण कर्ताओं ने लोकेश की हत्या कर दी।
एसपी कासगंज मनोज कुमार सोनकर ने कल फिरौती का फोन आने के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया था कि मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गयी है और जांच की जा रही है और सामने वालों से उनका जमीनी विवाद भी चल रहा है। जल्द ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा।
इस पूरे मामले में साफ तौर पर कासगंज पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस यदि 18 जनवरी को लोकेश के किडनैप होने के तुरंत बाद ही सक्रिय हो जाती तो लोकेश को सकुशल मुक्त कराया जा सकता था। लेकिन पुलिस 19 जनवरी को 40 लाख की फिरौती का फोन आने के बाद सक्रिय हुई और तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इधर मृतक लोकेश की माँ देवकी देवी चीख चीख कर कह रही है कि गाँव के ही कुछ लोग जिम्मेदार हैं। पुलिस की कार्य प्रणाली से भी लोकेश के परिजन काफी निराश हैं। परिजनों का आरोप है कि यदि पुलिस ने शुरू से ही प्रयास किये होते तो लोकेश की जान बच सकती थी।
तीन अपहरणकर्ता गिरफ्तार
कासगंज के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने इस पूरे मामले में बताया कि 18 जनवरी को कासगंज के सिढ़पुरा थाना के पिथनपुर गाँव से सुबह खेलने समय लोकेश गायब हो गया था। सूचना पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराते हुए बच्चे की बरामदगी के लिए तीन टीमें सर्विलांश, एसओजी और लोकल पुलिस की लगाईं थी।सर्विलांश के आधार पर ही बच्चे का शव बरामद किया गया था और तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
उन्होंने बताया कि पुलिस मुठभेड़ के दौरान अजय के भागने के प्रयास में ही पैर में गोली लगी है।गाँव के ही राज बहादुर का जमीनी विवाद लोकेश के परिवार से चला आ रहा था। राज बहादुर द्वारा ही लोकेश की हत्या की साजिश रची गयी थी। उन्होंने ये भी दावा किया कि ये कोई किडनैपिंग नही थी, पुलिस को गुमराह करने के लिए यह पूरा नाटक राज बहादुर द्वारा ही रचा गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने 36 घंटे के भीतर इस घटना का खुलासा किया है ।इसके लिए पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जा रहा है।
जब कासगंज पुलिस 10 साल के अपह्रत मासूम बालक लोकेश को जिंदा मुक्त नही करा सकी तो ऐसे में लोकेश और उसके पूरे गाँव के मातमी सन्नाटे और चीखीं के बीच कासगंज पुलिस अधीक्षक के पुलिस टीम को सम्मानित करने का ऐलान मन को विचलित करने वाला है।
राकेश प्रताप सिंह , एटा/कासगंज