अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पद से हटाने पर विचार
ट्रंप अमेरिका से भाग जाने की फिराक में
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट संसद भवन में ट्रम्प समर्थकों द्वारा हिंसा के बाद उन्हें पद से हटाए जाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है.
अमरीकी मीडिया के अनुसार कैबिनेट ने अमेरिकी संविधान के 25 वें संशोधन पर चर्चा की, जिसमें किसी राष्ट्रपति को ‘अपनी शक्ति और कर्तव्यों को छोड़ने में नाकाम रहने की स्थिति में’ उसे उसके उप-राष्ट्रपति और कैबिनेट की सहमति से हटाया जा सकता है। वैसे नियमानुसार तेरह दिन बाद ट्रंप की राष्ट्रपति पद से विदाई होनी है।
किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि लोकतंत्र का आदर्श समझे जाने वाले अमेरिका में ऐसे दृश्य देखने को मिलेंगे.संसद भवन पर चढ़ाई करते बलवाई।हाल के अंदर जाने बचाने के लिये छुपते सांसद। बलवाइयों का पीछा करते सुरक्षा बल के जवान। गोलियां चलती हैं और एक महिला समेत तीन लोग मारे जाते हैं।
47 लोगों को कर्फ़्यू तोड़ने के जुर्म में पकड़ा गया है।हिंसा के दौरान मारी गईं महिला का नाम एशली बैबिट था जो सैन डिएगो की रहने वाली थी।अमेरिकी मीडिया के अनुसार, एशली यूएस एयर फ़ोर्स में भी रह चुकी थी।कैपिटल बिल्डिंग में घुसते समय एशली को गोली लगी। वह अन्य दंगाइयों के साथ थी।
अमेरिकी प्रसारक फ़ॉक्स न्यूज़ के अनुसार वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पक्की समर्थक थीं।गोली लगने के बाद एशली को अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
यह हॉलीवुड की किसी मारधाड़ वाली फिल्म का दृश्य नहीं है। यह धरती के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देश अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में बुधवार को हुई घटना है।
संसद में पहली बार ऐसी हिंसा
वहां के संसद भवन को कैपिटल कहा जाता है। पिछले 220 वर्षों में इस इमारत पर कई बार हमले हुए हैं । सन् 1814 के युद्ध में ब्रिटिश सेना उसके अंदर घुस गयी थी और जबर्दस्त तोड़फोड़ की थी।
लेकिन ऐसा हमला पहले कभी नहीं हुआ था। क्योंकि इसे चुनाव में पराजित वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया।
उस वक्त कैपिटल में दोनों सदनों के प्रतिनिधि बैठे हुए थे और चुनाव में जो बाइडेन की जीत पर मुहर लगा रहे थे। अध्यक्षता उपराष्ट्रपति माइक पेंस कर रहे थे, जिन्हें ट्रंप ने कहा था कि वे बाइडेन की जीत को निरस्त कर दें।
क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि चुनाव में धांधली हुई है। उन्होंने कई मुकदमे भी किये लेकिन उन्हें असफलता ही हाथ लगी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। इसलिये उन्होंने अपने समर्थकों के इस कुकृत्य पर ज़रा सा भी अफसोस जाहिर नहीं किया। बल्कि यह कहा कि एक पवित्र विजय को धूर्तता से पराजय में बदलने पर लोगों का गुस्सा जायज है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ने माइक पेंस पर आरोप लगाया कि उनमें हिम्मत नहीं है कि वे देश और संविधान की रक्षा करें।
अमेरिकी संसद में हंगामे के बाद अब अमरीकी कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को स्वीकार कर लिया है। अब संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए जो बाइडेन का रास्ता साफ हो गया है।अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र ने कमला हैरिस की जीत भी पुष्टि कर दी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह 20 जनवरी को बाइडेन को सत्ता ट्रांसफर करेंगे।
ट्रंप अमेरिका से भाग जाने की फिराक में
इस बीच ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि ट्रंप अमेरिका से भाग जाने की फिराक में हैं। स्कॉटलैंड के अखबारों में इस आशय की खबरें भी छपी हैं। वहां ट्रंप ने काफी जायदाद खरीदी है।
पंकज प्रसून , वरिष्ठ पत्रकार एवं विदेश मामलों के जानकार