लड़के-लड़कियों, दोनों को समान रूप से नैतिक शिक्षा जरूरी : आनंदीबेन
किसी भी समाज की प्रगति उस समाज के सभी वर्गों के न्यायपूर्ण व सम्मानजनक जीवन जीने से तय होती है ।
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के अंतर्गत संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा महिला सशक्तिकरण सप्ताह के 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चले विभिन्न कार्यक्रम के अंतर्गत ” कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकार और उनकी सुरक्षा” विषय पर एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महामहिम श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भी इस कार्यक्रम में एक वीडियो मैसेज भेज कर प्रतिभागिता की।
उन्होंने कहा कि यह हर राज्य सरकार और केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता होनी चाहिए कि वे महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएं ।
उन्होंने कहा कि महिलाओं का शोषण अधिकांशतः इसलिए होता है कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं है । उन्होंने लड़के और लड़कियों दोनों को समान रूप से नैतिक शिक्षा देने की बात कही।
कार्यक्रम का संचालन पैथोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ विनीता अग्रवाल के द्वारा किया गया।
संस्थान की Executive Registrar प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी वक्ताओं का परिचय कराया जिसमें एडीजी सुश्री रेणुका मिश्रा व संस्थान के अन्य संकाय सदस्य, चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ शामिल था।
50 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज के प्रतिभागियों ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इसमें प्रतिभागिता की।
प्रोफेसर आर के धीमन ने बालिकाओं की निशुल्क प्राथमिक शिक्षा की आवश्यकता और महत्व पर जोर दिया।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की पूर्व डीन और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनीता दास ने कहा कि आज के समाज में विद्यमान अनेक बुराइयों को समाप्त करने में एक शिक्षित और आत्मनिर्भर महिला महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
डाक्टर पियाली भट्टाचार्य ने कार्यरत महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहने का संदेश दिया।
पीजीआई में विशाखा प्रकोष्ठ की अध्यक्षा डॉक्टर सरिता अग्रवाल ने अस्पताल में कार्यरत महिलाओं के लिए बनाए गए अनेक नियमों और प्रक्रियाओं की विवेचना की।
संस्थान में नर्सिंग स्टाफ के कार्यस्थल की सुरक्षा और उनके अधिकारों के विषय में nursing staff मिनी मॉल ने अपने विचार व्यक्त किए।
डाक्टर गौरव अग्रवाल और बृजेश सिंह ने पुरुष सहकर्मियों द्वारा कार्यस्थल पर महिला कर्मियों को उचित सौहार्दपूर्ण वातावरण दिए जाने पर बल दिया।
ADG Ms. Renuka Mishra ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है और इन सभी कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यही है कि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो और भावनात्मक रूप से सुदृढ़।
डाक्टर विनीता अग्रवाल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 333 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की।
इस आर्टिकल से हमे बहुत कुछ सीखने को मिला है यानी किसी लड़के या लड़की को एक समान शिक्षा देना ही हमारा कर्तव्य है । बहुत अच्छा जय हिंद