केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान नहीं रहे
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद गुरूवार को नयी दिल्ली में निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे।
पासवान मोदी कैबिनेट में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री थे। वे सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे।
उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर रामविलास पासवान के निधन की पुष्टि की है।
रामविलास पासवान का दिल्ली के एस्कॉर्ट्स अस्पताल में इलाज चल रहा था।
3 अक्टूबर को देर रात रामविलास पासवान के दिल का ऑपरेशन किया गया था।
पांच जुलाई 1946 को खगरिया जिले के शाहरबन्नी के एक दलित परिवार में जन्मे रामविलास पासवान की गिनती बिहार ही नहीं, देश के कद्दावर नेताओं में की जाती थी।
सबसे अधिक अंतर से लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
पासवान ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एमए तथा पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया था।
बिहार पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति के मैदान में उतरे रामविलास पासवान राजनीतिक मौसम विज्ञानी कहे जाते थे।
वे 1969 में पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की ओर से विधायक चुने गए थे।
जेपी के दौर में वे भारतीय राजनीति में उभरे। पासवान संपूर्ण क्रांति के दौरान गिरफ्तार कर लिये गये और दो साल जेल में रहे।
शुरू से ही वे राज नारायण और जयप्रकाश नारायण के फॉलोवर रहे थे। उनसे काफी कुछ सीख कर आगे बढ़े।
इमरजेंसी के दौरान वे राजनारायण, कर्पूरी ठाकुर और सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बेहद करीब थे।
नब्बे का दशक आते-आते रामविलास राष्ट्रीय राजनीति का एक प्रमुख चेहरा हो गये थे।
नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल होने से पूर्व पासवान वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंदर कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके थे।