सुप्रीम कोर्ट ने केरल के भगवान पद्मनाभ मन्दिर का स्वामित्व त्रावणकोर राजघराने को वापस करने का आदेश दिया
(मीडिया स्वराज़ डेस्क )
सुप्रीम कोर्ट ने आज केरल के विश्वप्रसिद्ध भगवान पद्मनाभ मन्दिर का स्वामित्व त्रावणकोर राजघराने को वापस करने का आदेश पारित किया । त्रावणकोर राजघराना 1000 सालों से इस मन्दिर का प्रबन्धन करता आ रहा था । मन्दिर उन्ही का था परंतु जनवरी 2011 में केरल हाईकोर्ट ने एक आईपीएस अफसर श्री सुन्दरराजन की याचिका पर स्वामित्व त्रावणकोर राजघराने से छीनकर राज्य सरकार को दे दिया था यह शर्त रखते हुए कि राज्य सरकार अपने नियंत्रण में एक संस्था या ट्रस्ट के माध्यम से मन्दिर व उसके सम्पत्ति का प्रबन्धन करेगी और परंपरानुसार मन्दिर संचालित करेगी।
हाईकोर्ट के फैसले से दुःखी त्रावणकोर राजघराना सुप्रीम कोर्ट गया जहां मई 2011 में हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम प्रबंधन समिति की व्यवस्था की जिसयें जिला जज की अध्यक्षता में अधिशाषी अधिकारियों की समिति बनी। 9 साल लंबे कानूनी संग्राम के बाद अब आज फैसला आया कि ऐतिहासिक मन्दिर का स्वामित्व व प्रबन्धन त्रावणकोर राजपरिवार का ही उचित है। वे हजार वर्ष से मन्दिर को अपने कुल देवता के रूप में पूजते और प्रबन्धित करते आ रहे हैं ।
पद्मनाभ मन्दिर केरल की पहचान है और उसके निर्माता त्रावणकोर राज परिवार दक्षिण केरल व सटे हुए तमिलनाडु के कतिपय क्षेत्र के शासक रहे हैं ।