लखनऊ फुट पाथ पर एक आत्मनिर्भर दार्शनिक
भगवान इनके दिल में बसते हैं
वयोवृद्ध किसान, दार्शनिक और रिक्शा चालक संत राम से राम दत्त त्रिपाठी की बात चीत. वह लखनऊ की वीआइपी रोड विक्रमादित्य मार्ग पर फुट पाठ पर रहते हैं. स्वयं कमाते और खाते हैं. संत राम का केवल भगवान पर भरोसा है जो उनके दिल में बसते हैं Meet a #philosopher, #farmer and #Rikshaw puller living on foot path of the state capital Lucknow .
यह हिन्दुस्तान का हृदय है, सम्भवतः अति निकट होने के कारण इनकी धड़कन सुनी नहीं जाती। हमारे शासक आत्मावलोकन का अवकाश नहीं पाते और शासन की व्यस्तता में मूल उद्देश्य से भटक जाते हैं । यह राष्ट्रीय लज्जा का विषय है कि स्वतंत्र भारत में नागरिक मूल भूत सुविधाओं से भी वंचित हैं फुटपाथ पर रहने को विवश हैं ,और शासक महलों में रहकर अभावों का रोना रोते नहीं थकते । धन्य हैं वे लोग जो हृदय में ईश्वर की अनुभूति मात्र से सन्तुष्ट हैं ।