भारत में उप राष्ट्रपति चुनाव 2025: तारीख़, प्रक्रिया, उम्मीदवार और परिणाम
मीडिया स्वराज डेस्क
भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया: आसान भाषा में पूरी जानकारी
श्री जगदीप धनखड़ के अचानक त्यागपत्र से भारत के उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया है . अब निकट भविष्य में ही उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है .
भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य—लोकसभा और राज्यसभा—प्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं। यहां जानिए कि यह चुनाव कैसे होता है, कौन उम्मीदवार बन सकता है, कौन वोट देता है, किसके पास चुनाव करवाने की जिम्मेदारी होती है, और वर्तमान में सत्ताधारी एनडीए व विपक्ष के सदस्य कितने हैं.
संविधान का अनुच्छेद 66:
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा + राज्यसभा) के निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अंतर्गत एकल संक्रमणीय मत द्वारा गुप्त मतदान से होता है.
– **चुनाव करवाने का जिम्मा:**
भारत निर्वाचन आयोग इस चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया का संचालन और निर्देशन करता है। राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 तथा चुनाव नियम, 1974 के प्रावधानों के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति करता है (अक्सर लोकसभा या राज्यसभा के महासचिव)
कौन उम्मीदवार बन सकता है?
उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए.
|न्यूनतम आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए |
लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए.
प्रस्तावक-समर्थक कम-से-कम 20 सांसद प्रस्तावक, 20 समर्थक चाहिए|
जमानत राशि 15,000 रुपए, 1/6 वोट न मिलने पर जब्त हो सकती है|
कौन दे सकता है वोट? कौन-कौन शामिल है?
– **मतदाता (एलेक्टोरल कॉलेज):**
– संसद के दोनों सदनों (लोकसभा एवं राज्यसभा) के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य।
– कुल लगभग 788 सांसद मतदान करते हैं (लोकसभा 543 + राज्यसभा 245, जिसमें 12 मनोनीत सदस्य राज्यसभा के होते हैं)
– राज्य विधानसभाओं के सदस्य इसमें वोट नहीं देते।
चुनाव की समय-सारणी कौन निर्धारित करता है?
– चुनाव की तारीख, नामांकन की अंतिम तिथि, नामांकन-पत्रों की जांच, वोटिंग और गणना आदि की अधिसूचना भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की जाती है, आमतौर पर निवर्तमान उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने से करीब 60 दिन पहले. लेकिन इस समय जबकि पद रिक्त यथासंभव जल्दी चुनाव कराना होगा.
– **विपक्ष:** कांग्रेस एवं अन्य दलों का INDIA गठबंधन बड़े विपक्ष के रूप में संसद में मौजूद है, जिसमें लोकसभा में 234 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास अकेले 99 सांसद हैं (2024 चुनाव)
– **एनडीए:** लोकसभा में 293 सांसद और राज्यसभा में 113 सांसद एनडीए का हिस्सा हैं.
निष्कर्ष
भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव एक सुव्यवस्थित संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें सिर्फ सांसद (लोकसभा और राज्यसभा) ही मतदान करते हैं। चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग इसकी निष्पादन एजेंसी होती है। वर्तमान में एनडीए और INDIA (विपक्ष) दोनों के सदस्य आंकड़े राजनीति के समीकरण को निर्धारित करते हैं.
वर्तमान आँकड़ों के अनुसार सत्तारूढ़ दल काफ़ी भारी है .
– उपराष्ट्रपति कब तक पद पर रह सकता है?
– उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पाँच वर्ष है, परंतु नया उपराष्ट्रपति चुने जाने तक वह पद पर रह सकता है।
– उपराष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया क्या है?
– वोटिंग के जरिए राज्यसभा के संकल्प तथा लोकसभा की सहमति से हटाया जा सकता है.
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