राम तरोई : छह फुट लंबी धारीदार लौकी
मेरे गार्डेन की राम तरोई यानी धारीदार लौकी। इस लौकी को मुरादाबाद क्षेत्र में लौकी नहीं, बल्कि ‘ राम तरोई’ कहते है।
इस लौकी को सलाद में कच्चा खाया जा सकता है।
इस लौकी का बीज मैंने मुरादाबाद निवासी रघुपति सिंह से इसी वर्ष मँगाया था और जून के अंतिम सप्ताह में बोया।
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नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर शिवपूजन सिंह ने इन्हीं रघुपति सिंह से बीज लेकर विकसित किया था।
परंतु अब इसके बीज उपलब्ध नहीं है।
नरेंद्र शिवानी, माधुरी और शिशिर के फलों की उम्मीद
मेरे गार्डेन में नरेंद्र शिवानी, माधुरी और ठंडक बर्दाश्त करने वाली नरेंद्र शिशिर भी है।
ये बढ़ रहे हैं और इनके फल कुछ दिन बाद शुरू होंगे।
लौकी नरेंद्र शिवानी अब अपने आशियाने पर विराजमान होने के लिए तैयार है।
मैंने तीन साल पहले बिना किसी देखभाल के पाँच फुट दस इंच की लौकी पैदा की थी, जिसको सुरक्षित करके रखा है।
इस बार साढ़े छह फुट की उम्मीद
इस वर्ष मुझे पुनः शिवानी के बीज प्रोफ़ेसर शिवपूजन सिंह द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं।
मैंने उसके लिए साढ़े आठ फुट ऊँचा मचान तैयार कराया है।
पहले तार लगाये गये जिससे मचान की मज़बूती बनी रहे।
बीच-बीच में नारियल की रेशेदार रस्सी लगायी गयी जिससे शिवानी के टेंड्रिल उसे मज़बूती से जकड़ सकें।
इस वर्ष की सेवा से प्रसन्न होकर शिवानी अवश्य कृपा करेंगी और आशा करता हूँ कि अबकी बार साढ़े छह फुट के फल अवश्य मिलेंगे।
आप भी देखिये राम तरोई।
बृजलाल, पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश
सर जी, प्रणाम!
सर जी नरेंद्र शिवानी और नरेन्द्र शिशिर के चार-चार बीज हमें भी मिल जाये तो आपकी बड़ी ही कृपा होगी! मैं मेरठ में ही रहता हूं। आज्ञा हो तो आकर लेने में अपने को सौभाग्यशाली समझूंगा!
सर जी, मैं उन्नाव में रहता हूं और रिटायर फौजी हूं, गांव में रहकर खेती करवाता हूं, सब्जी लगाने का बहुत शौक है अगर कुछ बीज मुझे भी मिल जायें तो अच्छा होगा