माकपा के आहवान पर प्रदेश भर में प्रदर्शन
लखनऊ। माकपा उत्तर प्रदेश द्वारा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 21 सितम्बर को जिलों में पार्टी द्वारा जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किये किये गये।
मेरठ, वाराणसी, जौनपुर, बरेली, फतेहपुर, कासगंज, गोण्डा, बलिया, इटावा, सुलतानपुर, इलाहाबाद, कानपुर, बुलंदशहर, अयोध्या, लखनऊ में इस दिन तख्तियों, प्लेकार्ड एवं झंडे बैनरों के साथ जुलूस निकाला गया और सभा की गयी।
राज्य केन्द्र पर प्राप्त सूचना के अनुसार 11 सूूत्रीय मांगों के अलावा दिल्ली दंगे में माकपा महासचिव का. सीताराम येचुरी का नाम शामिल किये जाने के खिलाफ जोरदार आक्रोश दिखा।
इसके साथ ही किसान बिल के रूप में पेश किये गये तीनों अध्यादेशों का विरोध किया गया और सरकार इस किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस लेने की मांग की गयी।
प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को सम्बोधित एक मांगपत्र स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से भेजा गया।
लखनऊ में विरोध प्रदर्शन का आयोजन माकपा प्रदेश कार्यालय के प्रांगण मेें किया गया जहां विरोध सभा की अध्यक्षता का. प्रवीर बसु तथा संचालन का. वंदना राय ने किया।
सभा के बाद ज्ञापन सौंपा गया जिसको देने वालों में का. विमेश मिश्रा लोकल कमेटी सचिव तथा का. छोटेलाल पाल जिला सचिव मुख्य रूप से मौजूद रहे।
प्रमुख मांगें
आज जिन मांगों को प्रमुखता से उठाया गया वोे निम्नवत हैं –
कोरोना महामारी काल के बिजली बकाए, पानी एवं गृहकर आदि माफ करो। उत्तर प्रदेश में सबसे महंगी बिजली क्यों? बिजली दरों को सस्ता करो, गरीबों को निशुल्क बिजली दो।
किसानों एवं बुनकरों को फिक्स रेट पर बिजली दो, किसानों के नलकूपों एवं आम उपभोक्ताओं के मनमाना विद्युत लोड बढ़ाना बंद करो।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का फैसला रद्द करो। बिजली संशोधन अध्यादेश 2020 वापस लो।
मनरेगा में काम चाहने वाले सभी को कम से कम 200 दिन का काम और 600 रूपए प्रतिदिन मजदूरी दो। बकाया मजदूरी अदा करो।
शहरी बेरोजगारों को काम देने के लिए शहरों में भी रोजगार गारंटी योजना लागू करो ।
आवारा पशुओं की व्यवस्था करो इनके द्वारा बर्बाद की गई फसलों का मुआवजा दो।
कोरोना वायरस से बचाव पर पूरा ध्यान केंद्रित करो।
अस्पतालों की संख्या एवं सुविधाएं बढ़ायी जाएं, दूसरी गंभीर बीमारियों के समुचित इलाज की व्यवस्था करो।
जनता में जागरूकता के लिए राजनीतिक दलों की समितियां बनाओ।
गैर आयकर दाताओं को प्रतिमाह तत्काल 7500 रुपये दो, सभी जरूरतमंदों को प्रति व्यक्ति 10 किलो प्रतिमाह निशुल्क अनाज दो।
बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा दो, बाढ़ से बर्बाद फसलों का 30 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दो।
सरकारी विभागों में खाली पदों पर नियुक्तियां करो ।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जातियों के कोटे की रिक्तियों को तत्काल भरो।
कोरोना महामारी के अवधि की समस्त छात्रों की फीस माफ करो।