अनुभवी पत्रकारों की साझा पहल नया यू ट्यूब चैनल जनादेश , शाम को साढ़े सात बजे से
(मीडिया स्वराज़ डेस्क )
“अब संपादकों की वह पीढ़ी नहीं रही जो अपनी पैनी नज़र से लोक हित में समाचारों की प्रस्तुति और विश्लेषण करते थे. अब सूचनाओं के अंबार में अकेले एक आदमी के लिए यह करना भी मुश्किल है. इसलिए कुछ अनुभवी और कुछ उत्साही नौजवान पत्रकारों ने एक कम खर्चीला सरल और सुलभ प्लेटफ़ार्म बनाने का प्रयास किया हैं , जो हर तरह के दबाव से मुक्त रह सके. इसे यू ट्यूब चैनल पर “जनादेश” नाम दिया गया है. “
नए यू ट्यूब चैनल का यह आधार वक्तव्य है . वक्तव्य के अनुसार, ” यह साझा पहल है .ऐसे पत्रकारों की जो देश – विदेश और विभिन्न राज्यों में ढाई तीन दशक से पत्रकारिता कर रहे हैं . प्रोफेशनल हैं .मुद्दों को समझते हैं और जमीनी पत्रकारिता की है .इस पहल में प्रारम्भ में जो लोग जुड़े हैं वे हैं – रामदत्त त्रिपाठी , आलोक जोशी ,,राजेंद्र तिवारी ,अमिताभ श्रीवास्तव ,प्रभाकर मणि तिवारी अंबरीश कुमार और हरजिंदर . आगे और भी लोग जुड़ सकेंगे”.
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि यह नया यू ट्यूब चैनल “जनादेश” उन मुद्दों को उठाने का भी प्रयास है, जिन्हें मुख्यधारा का मीडिया हाशिये पर छोड़ देता है .
“जनादेश यानी अनुभवी लोग.साझा पहल . संतुलित भाषा, संजीदा बहस. जनता के मुद्दे ,सरोकार की पत्रकारिता .न दाएं और न बाएं . सीधी बात .”
चैनल से जुड़े एक पत्रकार का कहना है कि,”इंफ़ारमेशन तकनालाजी यानी सूचना तकनीकी में क्रांति से अब चारों तरफ़ से ख़बरों की बमबारी हो रही है. अख़बार, रेडियो, टीवी, न्यूज़ पोर्टल, फ़ेस बुक, ट्विटर, यू ट्युब और जाने क्या. क्या. ढेर सारी मिलावट के साथ. इनमें से बहुत सारी खबरें जानबूझकर गुमराह करने के लिए भी बनायी जाती हैं, सुपारी किलर की तरह. ऐसे में आम नागरिक के लिए बड़ा मुश्किल होता है सही सूचनाएं पाना और उनका सही संदर्भ में मतलब समझना.
इनका कहना है, “सत्य के कई पहलू होते हैं और कभी- कभी उसे ढकने का भी प्रयास होता है. “जनादेश “ में सत्य को खोजने और उसके हर पहलू को समझने की सामूहिक कोशिश होगी. हालाँकि यह अपने आप में एक जोखिम वाला काम है.”
वक्तव्य के अनुसार प्रमुख समाचारों के विश्लेषण के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों की कुछ खबरें दिखाने का प्रयास होगा तो खबर के पीछे की खबर को समझने के लिए चर्चा भी होगी .इसमें पूर्वोत्तर भारत की खबरें होंगी तो कश्मीर से दक्षिण तक भी . पर यह चर्चा कुछ अलग ढंग से होगी . हर किसी को अपनी बात कहने का मौक़ा होगा.
कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम के दौरान दर्शक लिखित टिप्पणी कर सकेंगे और विशेषज्ञों से सवाल भी पूछ सकेंगे. यानी यह संवाद दोहरा होगा – एक तरफ़ा नहीं
यह चर्चा फ़िलहाल “जनादेश” यू ट्यूब चैनल पर शुरू हुई है. बाद में फ़ेसबुक और ट्विटर आदि सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफ़ार्म पर भी.स
समय होगा शाम को साढ़े सात बजे से.
चैनल में शामिल पत्रकारों ने अपील की है कि कृपया साढ़े सात बजे जनादेश यू ट्युब चैनल पर जुड़ें. .इसका लिंक क्लिक कर लाइक करें सबस्क्राइब करें , ताकि आपको नियमित सूचना मिलती रहे.