हिमालय बचाओ!

उत्तराखण्ड के आम जन को ही नहीं, इन विद्युत परियोजनाओं को भी बाढ़ ने तबाह कर दिया। इस आपदा में काली गंगा प्रथम , सोबका, पचैती, अस्सी गंगा प्रथम, गोरी गंगोरी, परियोजनाओं का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। प्रोजेक्ट, जे0सी0बी सब बह गए। पावर हाउस को नुकसान हुआ, इसकी सुरंग में छः किमी0 तक मलबा भर गया। मद्महेश्वर में काली गंगा प्रथम, काली गंगा द्वितीय और मद्महेश्वर परियोजना को काफी हानि हुई। सोन प्रयाग के भी छोटी परियोजनाएं समाप्त हो गई। तपोवन विष्णु गाड़ परियोजना मलबे में धंस गया।