नेहरू के बारे में सरदार पटेल की राय
उस महान व्यक्तित्व के असमय जाने के बाद उनके मार्गदर्शन के बिना ही कांग्रेस पर और हम दोनों पर इस महादेश की विकराल समस्याओं से निपटने के प्रबंधन में भी हम सहयात्री और सहयोगी रहे हैं। जीवन के विविध क्षेत्रों में एक साथ आत्मीयता के साथ काम करते हुए स्वाभाविक रूप से हमारी अन्तरंगता,सहयोग और स्नेह उत्तरोत्तर बढ़ता ही रहा है।
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