लखनऊ सैन्य साहित्य सम्मेलन में सैनिकों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश पर हुई चर्चा

सीमाओं पर तैनात जवानों का एकाकीपन, प्रशिक्षण के दौरान एवं अन्य क्रियाकलाप में, सैनिक परिवेश में भी पर्याप्त मनोविनोद और हास्य व्यंग्य वर्तमान रहता है.