पत्रकारिता : रवीश कुमार की किताब के बहाने —

पिछले कुछ समय से बोलना, सुनना और समझना बड़े ही संकट में जान पड़ रहा है।’लंकेश पत्रिका’ का संचालन करने वाली गौरी लंकेश 2017 में मार दी गई, भारतीय फ़ोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को अफगानिस्तान में एक रिपोर्टिंग के दौरान मार दिया गया, श्याम मीरा सिंह को सबसे तेज़ ‘आजतक’ ने तेज़ी के साथ सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि वह सोशल मीडिया पर ‘लोकतांत्रिक देश’ के प्रधानमंत्री के खिलाफ़ लिख रहे थे, खुलकर लिख-बोल रहे मीडिया घरानों में छापों की बात तो सबको पता ही है।