गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने का अदालती सुझाव

हाईकोर्ट के सुझाव तथा टिप्पणी में गाय के वैदिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्त्व का विस्तार से हवाला दिया गया है, साथ ही कहा गया है कि भारत में सभी सनातनधर्मी हैं और गाय को ‘माता’ मानते हैं। यह हिन्दुओं की आस्था का विषय है। आस्था पर चोट से देश कमज़ोर होता है। “गोमांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। जीभ के स्वाद के लिए जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता। बूढ़ी गाय भी कृषि के लिए उपयोगी है। इसके क़त्ल की इज़ाज़त देना ठीक नहीं है। गाय भारत में कृषि व्यवस्था की रीढ़ है।”