हरिद्वार कुम्भपर्व — अमृतत्व का सांस्कृतिक महोत्सव

कुम्भपर्व का गूढ़ार्थ वह मूल चेतना है जो युगयुगीन राजनैतिक झंझावातों के बाद भी विकृत नहीं हो सका। सांस्कृतिक एकता ,सौहार्द्य और सहिष्णुता पर आधारित हमारी धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं सनातन हैं। द्रविण संस्कृति में रचा बसा रामेश्वरम के प्रति उत्तर भारतीय की आस्था उतनी ही तीव्रतर है जितनी दक्षिण भारतीय की हरिद्वार और प्रयाग के प्रति है। इन सांस्कृतिक मूल्यों को राजनैतिक दुष्चक्र प्रभावित नहीं कर सके।