गंगा किनारे फ़ौजियों का गाँव गहमर दहशत में क्यों है!
आजादी बचाओ आंदोलन से जुड़े लोकप्रिय गाँधीवादी चिंतक, समाजसेवी और गहमर के सर्वोदय इंटर कॉलेज के प्रबंधन समिति के सचिव श्री रामधीरज का कहना है कि, ” हम गंगा को माँ कहते हैं और इसमें सड़ी लाशें बहा रहें हैं. गंगा लाशें ढोने के लिए नहीं है. यह खेती, मानव एवं पशु- पक्षियों के जीवन यापन के लिए हैं, मृत शवों के लिए नहीं है. इन लाशों के विषय में सरकार को जानकारी लेनी चाहिए कि ये लाशें कहाँ से आई ? इतने लोग कैसे मरें ? इन लाशों को किसने फेंका , अस्पताल प्रशासन या सगे- सम्बन्धियों ने ? इससे जनता में अविश्वास बढ़ रहा है. इतने सारे लावारिस लोग कहाँ से आ गये जिनकी लाशें यूँ खुले में सड़ रही है. ”
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