कोरोना जैसी महामारी का मानव सभ्यता पर गहरा प्रभाव

इनकी प्राचीनता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि लोकमानस में इन्हे देवता का स्थान प्राप्त है।प्राचीन साहित्य वेदों,पुराणों में भी हैजा व चेचक का उल्लेख मिलता है।हालाँकि वर्तमान में आधुनिक वैज्ञानिक विधियों से इन्हे नियंत्रित किया जा चुका है।प्रमाणिकरुप से महामारियों के इतिहास में ईसा पूर्व मौर्यकाल में दुर्भिक्ष का उल्लेख मिलता है जब हैजा,चेचक आदि कई बीमारियों नें महामारी का रुप धारण कर लिया था।जिन्हे आचार्य नागार्जुन ने धातु-खनिजों से औषधियों का निर्माण कर नियंत्रित किया था।