अब च्यवनप्राश खाकर बूढ़े जवान क्यों नहीं हो रहे !
टेक्सास के वैज्ञानिक एरिक स्टाइस ने २०१७ में एक रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित की है कि सकारात्मक विचार और ईश्वरवादी लोग निश्चित रूप से अन्य की अपेक्षा स्वस्थ रहते हैं। स्विट्जरलैण्ड में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि संकीर्ण लोगों की अपेक्षा उदार लोगों के मस्तिष्क में ऐसे बदलाव आते हैं जिससे व्यक्ति बहुत ही ,खुशहाल रहता है। अमेरिका में स्थित सैन डिएगो हमोशन लैब यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया कि झूठ बोलना शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत ही नुकसान पहुंचाता है भले ही वह झूठ अच्छे नियत से ही क्यों न बोला गया हो। इसलिये चरक ने च्यवनप्राश सेवन लाभ पाने के लिये सत्याचरण की बात कही है।
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