स्वतंत्रता के पचहत्तर वर्षों में भारतीय महिलाएँ
लेकिन, वर्ष 1993 ईसवीं में, देश की स्वाधीनता के छियालीस वर्षों के बाद, संविधान में 73वें-74वें संशोधनों द्वारा पंचायतों-नगर-निकायों में महिलाओं के लिए तैंतीस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था, वास्तव में ही, एक क्रान्तिकारी कदम थाI महिला-सशक्तिकरण के मार्ग को प्रशस्त करने वाला था। इस कदम को और बल उस समय मिला, जब बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, राजस्थान व उत्तराखण्ड जैसे प्रान्तों ने इस महिला आरक्षण को तैंतीस से बढ़ाकर पचास प्रतिशत कर दिया।
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