टीकाकरण की धीमी प्रक्रिया से संकट में भारत
इस संबंध में प्रथमत: भारत द्वारा भारी संख्या में अन्य देशों को वैक्सीन का निर्यात किया जाना एक अदूरदर्शी कदम था, क्योंकि यह हमें ज्ञात था कि , देश की विशाल जनसंख्या के लिए वैक्सीन के दो – दो डोज आवश्यक होंगे, अतः देश की आवश्यकता को नजरअंदाज करते हुए वेक्सिनो का निर्यात अनुचित था.
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed