आज आप तख़्त में हो, घमंड में सब कर रहे हो, लेकिन आपको इसका अंजाम नहीं पता – मोदी को सत्यपाल मलिक की खरी-खरी

लोक साहित्य, कहानियां और सिख व जाटों के गीत में अक्सर लाल किले का जिक्र होता है. सिख गुरु तेग बहादुर को इसी लाल किले के बाहर मौत के घाट उतार दिया गया था. तो क्या उनकी संतानों को लाल किले पर तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं है? लाल किला हमारे जाट समुदाय की सोच और इतिहास का एक अटूट हिस्सा है, बिल्कुल उसी तरह से जैसे कि यह सिखों की जिंदगी का है. इसलिए प्रधानमंत्री के अलावा अगर किसी और का लाल किले पर तिरंगा फहराने का अधिकार है तो वह केवल हम हैं.