आयुर्वेद की उपेक्षा ने उत्तर भारत को कोविड से तबाह कर दिया

भारत ने शुरुआती दौर में पूर्ण रूपेण वैश्विक प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए,आयुर्वेद आदि सभी प्राचीन चिकित्सा विधाओं को महामारी नियंत्रण प्रक्रिया से बाहर रखा गया ।स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार आयुष विधाओं की कोई भूमिका नही थी,परन्तु कुछ एक्टिवस्टो के प्रयास के पिछले साल अप्रैल में सेल्फ केयर के अन्तर्गत आयुष काढ़ा,हल्दी,दूध,च्यवनप्रास आदि को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में जारी किया गया ।चिकित्सा प्रक्रिया से इस पूरे तंत्र को अलग रखा गया।