राजनीति निगेटिव चलेगी पर मीडिया पॉजिटिव चाहिए !

देश का लगभग पूरा ही ‘बड़ा वाला ‘मीडिया इस समय एकदम वही कर रहा है जैसा डॉ भागवत चाहते हैं। वह केवल सकारात्मक खबरें ही छाप रहा है। वह उन सकारात्मक खबरों को भी पूरी ताक़त से दबा रहा है जो सरकारों को निगेटिव नज़र आ सकती हैं।’अब चलेगी मर्ज़ी पाठकों की’ के बुलंद दावों के साथ शुरू हुए मीडिया प्रतिष्ठान खुदी की मर्ज़ी से ‘अब चलेगी सिर्फ़ सरकारों की’ वाले बन गए हैं। अंग्रेज़ी में कुछ अख़बार अभी मिली-जुली मर्ज़ी चलाए हुए हैं। चैनलों में भी अपवाद के लिए एक-दो मिली-जुली मर्ज़ी वाले तलाशें जा सकते हैं।पाठकों, दर्शकों, संघ और सरकार से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है।