नरेंद्र गिरि आत्महत्या : पुलिस अफ़सर आर एन सिंह से विवाद की कहानी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी के तथा कथित आत्म हत्या का प्रकरण आज कल चर्चा में है। बात २००६ की है। उस समय मैं प्रयाग में आई जी, जी आर पी था। नरेंद्र गिरि भू माफ़ियों को मठ की ज़मीन बेच रहे थे। संगम नागरिक समाज के लोग जिसमें संगम क्षेत्र से जुड़े हुए अन्य लोंगो के साथ मैं भी था, प्रति दिन संगम पर श्रमदान के साथ निः शुल्क तीर्थ यात्रियों के लिए अन्न क्षेत्र चला रहे थे जो कि आज भी अनवरत चल रहा है। श्रमदनियो को जब पता लगा कि नरेन्द्र गिरी संगम क्षेत्र के बड़े हनुमान मन्दिर के मठ के ज़मीन और संपतियो को अपने ऐयासी के लिए भू माफ़ियाओ को बेच रहे हैं तो श्रमदान के बाद प्रति दिन हनुमान जी से प्रार्थना करते थे कि नरेंद्र गिरि को वे सदबुद्धि दें और बाघम्बरी गद्दी मठ की रक्षा करें। एक दिन नरेंद्र गिरि के लोंगो ने पुलिस की मौजूदगी में एक श्रमदानी को पीट दिया।