मॉं गंगा मरणासन्न हैं, सारे पर्यावरण योद्धा कहाँ हैं?
“गंगा तव दर्शनात् मुक्ति”, ये पंक्ति आपको विभिन्न गंगा घाटों के करीब दीवारों पर लिखी मिल जाएगी. इसका अर्थ है कि गंगा तेरे दर्शन मात्र से ही मुक्ति मिलेगी. धर्म ग्रंथो के अनुसार भगवान विष्णु ने गंगा अवतरण के अवसर पर यह कहा था. यह पंक्ति भले गंगा का महत्त्व प्रदर्शित करने को कही गई हो, परन्तु यकीन मानियेगा कलयुग में यह यथार्थ है. अब आपको गंगा के दर्शन मात्र से अपनी मुक्ति कि उम्मीद रखनी है. गंगा की वर्तमान में जो स्थिति है उसमे स्नान की हिम्मत तो नहीं होगी. पूरे पूर्वांचल में कहीं भी आप गंगा किनारे चले जाए आपको सत्य का अनुभव हो जाएगा.
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