शिव अनंत हैं

🔊 सुनें शिव अनंत हैं वो जितने सरल हैं उससे कहीं ज्यादा गूढ़ भी हैं वो औघड़ हैं, अविनाशी हैं।  वो प्रेमी हैं, सन्यासी हैं।  वो मतवाले और निराले हैं।  वही हलाहल गरल पिएं।  और वही सृष्टि संहार करें।  वही प्रेम का पूरक हों अर्धनारीश्वर अवतार धरें।  अपनी जटा पर गंगा समाये।मानव का उद्धार करें। … Continue reading शिव अनंत हैं