कृष्ण का राष्ट्र-नायक स्वरूप और राष्ट्र-निर्माण की रचना प्रक्रिया

कृष्ण के अनंत स्वरूप हैं। अपनी अपनी मूल प्रकृति के अनुसार भारत की हर भाषा, हर बोली, हर सांस्कृतिक-समूह, हर उपासना पद्धति, हर प्रान्त-जनपद ने कृष्ण को बारम्बार सुमिरा है।