ग्राम स्वराज्य की असली वाहक खादी ही है – आचार्य विनोबा

विनोबा खादी को सर्वोदय-समाज और स्वराज्य -शक्ति का सबसे असरदार साधन मानते थे। विनोबा ने देश की प्रगति और लोक -कल्याण के लिए खादी एवं ग्रामोघोग के गांधीजी के दिखाये पथ को सबसे सुगम रास्ता माना।*विनोबा ने कहा*, ‘ चरखा अहिंसा का प्रतीक है। जितना अहिंसा का विचार समाज में फैलेगा, उतना ही चरखे का विचार भी फैलेगा।