भारत का प्रकाश पर्व है दीपोत्सव

‘दीपशिखा’ का मूल स्वयं का विसर्जन है। तुलसीदास भी ‘दीपशिखा’ पर मोहित थे। उन्होंने श्रीरामचरितमानस में दीप शिखा का प्यारा रूपक बनाया है। वे सात्विक श्रद्धा को गाय बताते है, जपतप नियम को गाय का चारा।