खादी, गांधी और मैं

खादी पहने जब भी मैं लोगों के बीच निकलता, खादी का मेरा कुर्ता पायजामा और मैं लोगों की नजरों और फब्तियों का गवाह बनते. न तो लोग गांधी-खादी को समझते और न ही खादी पहनने वाले एक मुसलमान को.