गांधी, उनकी दत्तक पुत्री और अस्पृश्यता के प्रसंग

जाति-पाति और छुआछूत को दूर करने के प्रयास गांधी ने अपने दौर में शुरू कर दिया था. वे चाहते थे कि यह जितनी जल्दी हमारे समाज से दूर हो जाए, उतना ही बेहतर.