किसानों को न्याय दिलाने का ऐतिहासिक आंदोलन: दशा और दिशा

समन्वय समिति के गठन के बाद चलाए जा रहे आंदोलन का मुख्य लक्ष्य देश के सभी किसानों की कर्जा मुक्ति और लाभकारी मूल्य की गारंटी के लिए संसद से कानून पारित कराना था परंतु सरकार ने किसानों की मांगों के अनुसार कानून बनाने की बजाय तीन ऐसे अध्यादेश किसानों पर थोप दिए जिन्हें कभी किसानों ने मांगे ही नहीं थे । तीनों अध्यादेशों को कोरोना काल का लाभ उठाते हुए संसद में अलोकतांत्रिक तरीके से पास कराकर किसानों पर थोप दिया गया। अध्यादेश लाने तथा कानून बना दिए जाने के बाद से आंदोलन लगातार जारी है।