दरबार-ए-मुग़लिया की दिवाली

तो सभी भारतीय त्योहारों ने हिंदुस्तान में प्रवेश के समय से ही तुर्कों में गहरी दिलचस्पी पैदा किया परन्तु कृष्णजन्माष्टमी, दशहरा, बसन्त, होली और दिवाली ने उन्हें खासकर आकर्षित किया और ये पर्व दरबार का हिस्सा बन गए.