उस लहर का ‘पीक’ कभी नहीं आएगा !

कोरोना की तीसरी लहर की चिंता हमें छोड़ देनी चाहिए। हो सकता है इसके बाद हमें किसी चौथी और पाँचवीं लहर को लेकर डराया जाए। हमें अब लहऱों और उनके ‘पीक’ की गिनती नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए कि मरने वालों के सही आँकड़े बताने में देश और दुनिया को धोखा दिया जा रहा है। हम पर राज करनेवाले लोगों ने हमारा भरोसा और यक़ीन खो दिया है। इतनी तबाही के बाद भी जो भक्त गांधारी मुद्राओं में अपने राजाओं का समर्थन कर रहे हैं उन्हें एक सभ्य देश का ‘नागरिक’ मानने के बजाय व्यवस्था की ‘नगर सेना’ मान लिया जाना चाहिए।