कोरोना संक्रमण में उपयोगी वनस्पतियाँ – वासा और धतूरा
एक कहावत है कि एक दिन घूरे (कचरा)पर उगा धतूर भी काम आता है।आज के परिवेश में यह कहावत चरिचार्थ हो रही है।नगर या गाँव में खाली पड़ी जमीनों,टीलो,भींटो,कचरे के ढ़ेर पर उगी बनस्पतियाँ अडुसा और धतूरा आज संजीवनी बूटी से कम नहीं है।इसलिए इन्हे पहचान जरूरी हो गयी है।अब समय आ गया है,कि आबादी के दबाव में खाली जमीने,टीले,भींटे खत्म हो रहे है।विकास के नाम हमने ऐसी वनस्पतियों को समूल नष्ट करते जा रहे है।आइए आज कोरोना काल में इनकी महत्व के समझते है।इन्हें कचरे के उठा कर गमले में लगाने का समय आ गया है।
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