भ्रम फैलाने वाली जमात को देश के किसान देंगे जवाब – प्रधानमंत्री मोदी

अगर सभी दलों के घोषणा पत्र देखे जाएं, नेताओं के बयान और चिट्ठियां देखी जाएं, तो इनमें वही बात की गई है। कृषि सुधार कानून उनसे अलग नहीं है। इन्हें तकलीफ कृषि कानूनों से नहीं है, इन्हें दिक्कत इस बात से है कि जो हम अपने घोषणापत्र में कहते थे और कर नहीं पाए, उसे मोदी ने कैसे कर दिया? मोदी इसकी क्रेडिट कैसे ले सकता है?