तुलसी भी नुक़सान कर सकती है, जानें उपयोग का सही तरीक़ा

तुलसी के पर्यायवाची शब्दों में ग्राम्या शब्द का भी प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ है गांवों में निवास करने वाली अर्थात, आसानी से सब जगह उपलब्ध होने वाली। इसका एक नाम भूताघ्नी अर्थात, छोटे छोटे से घातक, रोगकारक, कृमि, कीटाणु, विषाणुओं, जीवाणुओं (बैक्टीरिया) को भी नष्ट कर देने वाली है। भाव प्रकाशकार ने इसे अपेतराक्षसी अर्थात, रोग देने वाले, पीड़ा देने वाले जीवाणुओं को नष्ट करने वाली भी कहा है, इसे विषघ्नी अर्थात, विष को नष्ट करने वाली भी कहा गया है। वैज्ञानिक शोधों से भी प्रमाणित हो चुका है कि पीपल और तुलसी सर्वाधिक ऑक्सिजन छोडने वाले पौधे होते हैं। सर्वाधिक ऑक्सिजन (प्राणवायु) छोडने वाला पौधा होने के कारण भी यह अत्यंत उपयोगी पौधा होता है। इसको अमृता, सुरवल्ली के नाम से भी जाना जाता है।